Archive for सिनेमा

गुलशन नन्दा की फिल्में – मेहबूबा 

सिसकते साज़ – उपन्यास पर बनी है फिल्म – मेहबूबा

पुनर्जन्म की कहानी है. राज दरबार के कलाकार ( राजेश खन्ना और हेमामालिनी ) अपने प्यार को पा नही सकते। दुबारा जन्म लेकर फिर एक स्थान पर मिलते है. इस जन्म में भी इन दोनों को खलनायक ( प्रेमचोपङा )  मिलने नहीं देता, फिर राज़ भी खुलता है पिछले जन्म का

मल्टीस्टार बढ़िया फ़िल्म और रोचक उपन्यास

मेरी जानकारी मे यही गुलशन नन्दा के उपन्यासों पर बनी अन्तिम फ़िल्म है  ….

यही है इस श्रृंखला की अन्तिम कडी  ….

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गुलशन नन्दा की फिल्में – भँवर

फिल्म और उपन्यास का एक ही नाम – भँवर

डाक्टर साहब ( अशोक कुमार ) की बेटी ( अरूणा ईरानी ) है और नायिका ( परवीन बॉबी ) अन्य परिवार से है जबकि वास्तव मे नायिका ही डॉक्टर की बेटी है जिससे नायक ( रणधीर कपूर ) को प्यार है. आगे कई गलतफहमियाँ  ….

वैसे उपन्यास अच्छा रहा, फ़िल्म भी पसन्द की गई लेकिन लोकप्रियता नही मिली। केवल एक गीत ही लोकप्रिय हुआ – रंग ले आएगें रूप ले आएगें काग़ज़ के फूल खुशबू कहाँ से लाएंगें  

… अगले चिट्ठे में एक और फिल्म की चर्चा  …..

 

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 गुलशन नन्दा की फिल्में – जोशिला

कहा जाता है कि गुलशन नंदा ने पहले फ़िल्म के लिए कहानी लिखी बाद मे इसी नाम से उपन्यास प्रकाशित किया –  जोशिला

बच्चों की बेहतर ज़िंदगी के लिए पिता ने क़र्ज़ ले रखे. उनकी असमय मृत्यु से परिवार आर्थिक तंगी मे आ जाता है जिसके लिए बेटा ( देव आनन्द ) गलत काम भी करने के लिए तैयार हो जाता है. उसकी प्रेमिका ( राखी ) की किसी और से शादी हो चुकी है. उसे जेल भी होती है और जेलर के परिवार मे से हेमामालिनी को उससे प्यार हो जाता है. इस तरह यह भी मसाला फिल्म है  …

फिल्म लोकप्रिय रहीं …. अगले चिट्ठे में एक और फिल्म की चर्चा  ….

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