शिरडी में साईंबाबा के समाधि मन्दिर का परिसर बहुत बड़ा है और वहाँ आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ भी बहुत है इसी बात को ध्यान में रखकर प्रसाद वितरण के लिए एक अलग ही भवन है।
यह भवन समाधि मन्दिर के पास ही है जिसे आप चित्र में देख सकते है -
यहाँ लगभग 10 काउंटर है प्रसाद वितरण के लिए। कुछ काउंटरों से कूपन खरीदे जाते है और दूसरे काउंटरों पर उन कूपनों को देकर प्रसाद लिया जाता है। प्रसाद में लड्डू है जिनका मूल्य 5 रूपए है।
प्रसाद के रूप में दर्शन के बाद भोजन की भी व्यवस्था है। भोजन के कूपन के लिए अलग काउंटर है और इन कूपनों का मूल्य भी 5 रूपए है। इन काउंटरों पर लाइन भी लम्बी थी और यहाँ भिखारी भी बहुत नज़र आए। श्रद्धालु कूपन खरीद कर भिखारियों को दे रहे थे जिसका अर्थ होता है उन्होनें एक ग़रीब व्यक्ति को भोजन करवाया।
भीतर बहुत बड़ा भोजनालय है जहाँ भोजन की व्यवस्था है।
सवेरे 7 बजे से 10 बजे तक नाश्ते की भी व्यवस्था है। यहाँ बहुत से श्रद्धालु नाश्ता करना पसन्द करते है। नाश्ते के एक पैकेट में 5 पूड़ियाँ और सब्जी की तरह बनाए गए हरे मूँग होते है जो बहुत स्वादिष्ट होते है।
इसके अलावा बाहर आँगन में आइसक्रीम, श्रीखंड आदि और शिरडी के मशहूर बड़े अमरूद की दुकाने भी है।
वैसे मन्दिर के आस-पास अच्छे रेस्तरां है। बड़े-छोटे दोनों रेस्तरां है और ढाबे भी है। यहाँ अलग-अलग राज्यों के भोजन भी है जैसे गुजराती थाली, आन्ध्रा का भोजन, उत्तर भारतीय भोजन, महराष्ट्रीय भोजन आदि। महाराष्ट्र के प्रसिद्ध पोहे और साबूदाना वड़ा भी है। हमें तो पोहे और कोल्हापुरी स्पेशल सब्जी बहुत पसन्द आई।
और इस चटपटे स्वाद और दर्शन का मीठा आनन्द लिए हम हैदराबाद लौट आए…