बैंगलौर की पिछली यात्रा के लिखे गए चिट्ठो में हमने नंदी मंदिर का अनूठा श्रृंगार शीर्षक से एक पोस्ट लिखी थी, यही मंदिर बैंगलौर में बिग बुल मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हैं -
बिग बुल यानि बड़े नंदी जिसकी चर्चा हम उस चिट्ठे में कर चुके हैं पर उस समय तस्वीर नही रख पाए थे। प्रस्तुत हैं यह तस्वीर -
उसी पोस्ट में हमने गणपति के अनूठे श्रृंगार की चर्चा की थी, पर इस बार हमें ऐसा कोई श्रृंगार नजर नही आया। सादगी भरी इस बड़ी सी गणपति की मूर्ति के दर्शन कर लगा कि इस बार किसी भक्त ने कोई बड़ी मन्नत यहाँ नही ली हैं। जी हाँ ! मन्नतों का यह सिलसिला शुरू हुआ अस्सी के दशक से और तब से ही यह कहलाए मक्खन गणपति जिसकी चर्चा भी हम उस चिट्ठे में नही कर पाए थे।
1982 में कुली की शूटिंग के दौरान जब अमिताभ बच्चन के साथ दुर्घटना घटी थी तब उन्होंने इस मंदिर के गणपति जी से मन्नत मांगी थी कि ठीक होने पर गणपति का 100 किलो मक्खन से श्रृंगार करेंगे और उन्होंने किया भी। तब से चलन हो गया हैं कि भक्त अपने जीवन की कोई विशेष बात जैसे बेटी का ब्याह, मकान बनवाने जैसी बातो को लेकर मन्नत माँगने लगे और काम पूरा होने पर मन्नत के अनुसार अनूठे श्रृंगार करने लगे। सिर्फ मक्खन ही नही अलग-अलग तरह से श्रृंगार की मन्नतें ली जाती हैं, चूंकि शुरूवात मक्खन से हुई थी इसीलिए यह मक्खन गणपति के नाम से प्रसिद्ध हुए।
बैंगलौर से निकल कर हम मैसूर पहुंचे जिसकी चर्चा अगले चिट्ठे में.....