पोरबंदर में नवनिर्मित है सांदीपनी आश्रम –
भव्य कलात्मक इमारत है जिसमे शिवलिंग और विभिन्न देवी-देवताओं की भव्य मूर्तियां है – शिव-पार्वती, लक्ष्मी नारायण, जानकी वल्लभ, दुर्गा-गणेश. पीछे एक विज्ञान कक्ष है जिसमे ज्ञान विज्ञान संबंधी विभिन्न तस्वीरें है.
इस आश्रम के निकट है पोरबंदर समुद्र तट जो बहुत गन्दा है जहां खड़े रहने में भी कठिनाई होती है –
पूरा पोरबंदर न अधिक साफ़-सुथरा है और न ही अधिक विकसित। गांधी जी की प्रतिमा केवल कीर्ति मंदिर –
उनके पैतृक निवास स्थान पर ही नज़र आई और बापू के तीन बन्दर कही नज़र नही आए.
इसके बाद हम हैदराबाद लौट आए और सबसे पहले जी भर कर और पेट भर पानी पिया … गुजरात का पानी … उफ्फ्फ्फ़ ! कड़वा !! ठंडा हो या सामान्य या मिनरल … दो बूँद पीना कठिन रहा …. शायद इसीलिए वहां के भोजन में गुड का प्रयोग अधिक होता है …. खैर .. इस कड़वाहट के बावजूद भी हमारा ट्रिप अच्छा रहा.