Archive for कोलकता

कोलकता – स्वाद में 

कोल्कता के पारम्परिक व्यंजन
आलू  पोश्तो –
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शुक्तो  –  मिक्स्ड सब्ज़ी जिसमे हमे कच्चा केला, सूरन, करेला, बैगन का स्वाद आया –
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इसके आलावा आलू भाजा, बैगुन भाजा
संदेश , लौंग लतिका, खीर क़दम
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संकरी गलियों में विभिन्न दुकानों पर कोलकता के पान मिले
सिर्फ रोशगुल्ला ही नही विभिन्न लज़ीज़ व्यंजनों के स्वाद, परंपरा और इतिहास की गवाही देखने के बाद हम हैदराबाद लौट आए

 

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कोलकता – एक नज़र  में 

कोलकता – एक नज़र  में

हावड़ा ब्रिज

 

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हाथ रिक्शा जो अब बहुत कम राज्यों में है
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भीड़ भाड़ वाली न्यू मार्किट जहां पटरे की दुकानों से ले कर ब्रांडेड माल के शो रूम भी है. यहीं गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर का एक घर जहां  गुरूदेव ने अपनी एक कविता – The awakening of the Fountain – रची थी जो बहुत लोकप्रिय हुई – जिसकी स्मृति में शिला है
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अब यह घर होटल है जहां पर्यटक ठहरते है , इस होटल की बनावट में कुछ डिज़ाइन गुरूदेव के घर जैसा है

 

कोलकता का स्वाद अगले चिट्ठे में …..

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दीघा (दिगाह )

कोलकता से दो सौ किलोमीटर की दूरी पर है – दीघा (दिगाह )

आधिकारिक तौर पर लिखा है  –  दीघा  …. जबकि कई स्थानों पर लिखा है दिगाह

बाई ओर समुद्री तट है और दाहिनी ओर रिहाइशी इलाका है जहां बाज़ार भी है

तीन तरह के तट है – एक तट रेतीला है

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एक पथरीला है

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एक तट पर काले बड़े समुद्री पत्थर है

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तट पर अन्य तटों की तरह ही खाने-पीने और मोती बांस की दुकाने सजी है लेकिन विशेषता यह है कि मछली की दुकाने अधिक है, ज़ाहिर है , कोलकाता  जो है

अच्छा समय बीता यहाँ  …. अगले चिट्ठे में कोलकता पर एक नज़र  ….

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