बाण शैय्या मन्दिर

महाभारत युद्ध का एक महत्वपूर्ण बिन्दू है भीष्म पितामह की तीर शैय्या और अर्जुन का तीर मार कर पितामह के लिए पानी निकालना, इसी की स्मृति में है यह बाण शैय्या मन्दिर –
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सामने कुंड है जिसे भीष्म कुंड कहते है –

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गर्भगृह में पांडव, उनके एक ओर कृष्ण और दूसरी ओर द्रौपदी की मूर्तियाँ है और सामने तीर शैय्या पर भीष्म।
एक अन्य गर्भगृह में कृष्ण जी का विराट रूप है। कुंड के दूसरी ओर हनुमान जी की विशाल मूर्ति है।
इसके बाद हमने देखा ज्योतिसार तीर्थ जिसकी चर्चा अगले चिट्ठे में ….

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